जब तुम्हे
मेरा ख़त मिला
होगा
दिल तुम्हारा भी तो
धड़का होगा...
गुलाबी लिफाफे पर
अपना नाम
देख कर मन में
मुस्काये तो
जरुर होंगे ...
ख़त को धीरे से
हाथ में ले कर
आँखों से भी
तो लगाया होगा ...
प्यार से महकते हुए
ख़त के उस कोने को
धीरे से अपने लबों
से भी तो छुआ होगा ,
जहाँ मेरा नाम
लिखा था ...
ख़त को
फिर आहिस्ता से
लिफाफे से बाहर
निकाला होगा ...
ऐसे जैसे
मेरी जुल्फों
को सहलाया तुमने ..
मुझे तब
ऐसा ही अहसास हुआ
तुम मेरे पास ही
मेरी जुल्फों को सहला
रहे हो ...
ख़त पर लिखे,
मुहब्बत से भीगे लफ्ज़
तितलियाँ बन
मंडरा रही होगी
तुम्हारे आस पास
जब तुमने यह पढ़ा होगा ...
ख़त पढ़ते -पढ़ते
तुम और मैं कब करीब
आ गए
तुम्हें पता भी
ना चला होगा ...
( चित्र गूगल से साभार )
sundar..pyar say bharpur rachna...mujhe bhi gudguda gayi...
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना है उपासना तुम बहुत अच्छा लिखती हो |
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ReplyDeleteबहुत ही मीठा अहसास ............खूबसूरत रचना......!!
ReplyDeleteपकड़ हाथ में खत,दिल थाम लेना,
ReplyDeleteछुप आँसू बहाना फ़िर रोना सिसकना
बारहां खोलना बंद करना खतों को,
बताओ कहीं ये मोहब्बत तो नहीं है(Aziz Jaunpuri-unpublishe)
बहुत ही खूबसूरत रचना
बहुत खुबसूरत सा अहसास....उपासनाजी मेरी नई पोस्ट में आप का स्वागत है..
ReplyDeleteकितने कोमल अहसासों को अपनी इस रचना में पिरो दिया है उपासना जी ! हर शब्द मन को पिघला रहा है ! बहुत ही सुंदर रचना !
ReplyDeleteप्यार का अफसाना बहुत ही खूबसूरती से बयां किया | लाजवाब | आभार
ReplyDeleteबहुत बढ़िया सुंदर प्रस्तुति !!
ReplyDeleteबहुत खूब ,खतों को पढना ,बंद करना ,फिर खोलना ..........फिर कभी आंसूं बहाना,खिलखिलाना ,फिर कल्पनाओं की दुनिया में खो जाना ....क्या बात है
ReplyDeleteअच्छी रचना.
ReplyDeletepyara sa khubsurat khat :)
ReplyDeletesundar rachna..
बेशक अब वो दिन नहीं हैं, किन्तु आपकी लेखनी मे वो ताकत अवश्य है जो धकेल के ले जाती है उन दिनों मे जब होता था कुछ ऐसा ही, ऐसे ही एहसास के साथ .......
ReplyDeleteसुंदर कल्पना की सुंदर अभिव्यक्ति !......
शुभकामनायें
ख़त पढ़ते पढ़ते तुम और मैं कब करीब आ गए तुम्हे पता भी न चला होगा
ReplyDeleteबेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन
खूबसूरत कल्पना... बधाई.
ReplyDeleteवाह
ReplyDeleteप्रेम का क्या गजब का अहसास कराया है
बहुत सुंदर प्रेम की कविता
बहुत बहुत बधाई
आग्रह है पढें
तपती गरमी जेठ मास में---
http://jyoti-khare.blogspot.in
khoobsurat ahsaas ....
ReplyDeleteअच्छी रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर
क्या बात
नोट : आमतौर पर मैं अपने लेख पढ़ने के लिए आग्रह नहीं करता हूं, लेकिन आज इसलिए कर रहा हूं, ये बात आपको जाननी चाहिए। मेरे दूसरे ब्लाग TV स्टेशन पर देखिए । धोनी पर क्यों खामोश है मीडिया !
लिंक: http://tvstationlive.blogspot.in/2013/06/blog-post.html?showComment=1370150129478#c4868065043474768765
komal bhavon ki sundar abhivyakti
ReplyDeleteबहुत प्यारी भावपूर्ण रचना...
ReplyDeletePrem ka adbhut ahsas karati hai yah rachna. Upasana ji badhai.
ReplyDeleteBAHUT -BAHUT -BAHUT PYAAREE RACHNAA---LOVE U
ReplyDeletegood one
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