sahi kaha .... yeh rishta shabdo ki seemao se pare hota hain rooh se juda hua ........ .ishwar sabka yeh rishta hamesha khusshnuma banaye rakhe
kya baat hai ..bahut sahi likha hai ..
एक सच जिसे हर पल याद रखा जा सकता है
bilkul sahi kaha....ansoo aur parchayee yahi tho sacche dost hain....sundar rachna
गहनतम भावो से ओतप्रोत अति सुन्दर रचना ,सदर
अति सुन्दर, परछाई अति महत्त्व पूर्ण कभी साथ नहि छोडती
गहन भाव लिए बेहतरीन प्रस्तुति,आभार.
अति सुन्दर,बेहतरीन प्रस्तुति !डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति कोlatest post वटवृक्ष
बेहद गहन भाव संजोये हैं आपने इस अभिव्यक्ति में ... अनुपम प्रस्तुति
सच कहा परछाई ही होती हैं अपना आप जो नहीं छोडती साथ..लेकिन हम उसे पीछे कर देते हैं सुंदर रचना दी..
अति सुन्दर।आइए जाने वैदिक-ग्रन्थों को फेसबुक परः---www.facebook.com/pages/वैदिकसंस्कृत/510066709013675
sahi kaha .... yeh rishta shabdo ki seemao se pare hota hain rooh se juda hua ........ .ishwar sabka yeh rishta hamesha khusshnuma banaye rakhe
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ReplyDeleteगहनतम भावो से ओतप्रोत अति सुन्दर रचना ,सदर
ReplyDeleteअति सुन्दर, परछाई अति महत्त्व पूर्ण कभी साथ नहि छोडती
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ReplyDeleteअति सुन्दर।
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