ईश्वर के नाम
सन्देश एक किसान का ....
बोता हूँ बीज जब भी
ना केवल बीज ही
हर बीज के साथ कितनी
ही आशाओं को भी बो देता हूँ ...
धरती से निकलता
एक -एक अंकुर
है एक विश्वास -भरोसा
मेरी उम्मीदों का......
मेरा यही सन्देश है प्रभु
रखना जरा ध्यान ,
आलसी मेघों को भेज
देना जरा समय से ......
जरुरत होती है उनकी
सोये रहते है कुम्भकर्णी
निद्रा में मग्न ..
कभी कर देते हैं
फलती - फूलती, लहलहाती
मेरी आशाओं
को जलमग्न
बेरुत जाग कर ...
थोडा रखना उनकी थाम कर लगाम
बस प्रभु मेरा यही सन्देश
तेरे नाम .......
सन्देश एक किसान का ....
बोता हूँ बीज जब भी
ना केवल बीज ही
हर बीज के साथ कितनी
ही आशाओं को भी बो देता हूँ ...
धरती से निकलता
एक -एक अंकुर
है एक विश्वास -भरोसा
मेरी उम्मीदों का......
मेरा यही सन्देश है प्रभु
रखना जरा ध्यान ,
आलसी मेघों को भेज
देना जरा समय से ......
जरुरत होती है उनकी
सोये रहते है कुम्भकर्णी
निद्रा में मग्न ..
कभी कर देते हैं
फलती - फूलती, लहलहाती
मेरी आशाओं
को जलमग्न
बेरुत जाग कर ...
थोडा रखना उनकी थाम कर लगाम
बस प्रभु मेरा यही सन्देश
तेरे नाम .......
सुन्दर संदेश है..
ReplyDeleteहार्दिक आभार महेश्वरी कनेरी जी
Deleteसुन्दर भाव पूर्ण सन्देश
ReplyDeleteहार्दिक आभार अज़ीज़ जौनपुरी जी
Deleteकिसान की ख़्वाहिश को बखूबी लिखा है ।
ReplyDeleteहार्दिक आभार संगीता जी , किसान की पत्नी हूँ तो किसान का दर्द बखूबी जान सकती हूँ
Deletesundar sandesh..
ReplyDeleteहार्दिक आभार कविता जी
Deletebahut sundar sandesh ........dharti ki hariyali ke liye meghon ko aana hi hoga
ReplyDeleteहार्दिक आभार संध्या जी
Deleteबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,इश्वर सबका कल्याण करें.
ReplyDeleteहार्दिक आभार राजेन्द्र कुमार जी
Deleteसुंदर भाव.... बढ़िया बिम्ब लिए रचना
ReplyDeleteहार्दिक आभार मोनिका जी
Deleteमेघों को आलसी और कुंभकर्ण कहाना आपके कल्पना की नई उडान है उपासना जी। हमारे देश और संसार का किसानों के फूलने-फलने पर ही निर्भर है। आपके प्रार्थना गीत की मांग ईश्वर पूरी करें।
ReplyDeletedrvtshinde.blogspot.com
हार्दिक आभार विजय जी
Deleteप्रभु के नाम बहुत सुन्दर सन्देश भेजा है..
ReplyDeleteसुन्दर रचना...
:-)
हार्दिक आभार रीना जी
Deleteहर किसान के दिलसे बस यही आवाज़ निकलती है ...प्रभु तक यह आवाज़ सदैव पहुंचे
ReplyDeleteहार्दिक आभार सरस जी
Deleteसुंदर सन्देश के सुंदर भाव
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (08 -04-2013) के चर्चा मंच 1208 पर लिंक की गई है कृपया पधारें.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है | सूचनार्थ
हार्दिक आभार सरिता जी
Deleteबहुत ही सुंदर !
ReplyDeleteऊपर विजय शिंदे जी ने आपके लिए सही कहा है ।
आपकी कल्पना की नई उड़ान ..... वाकई कबीले तारीफ है !
हार्दिक आभार जी ...आपकी अमुल्य टिप्पणी मेरे लिए बहुत मायने रखती है ,अगर आप नाम भी बताएं तो बहुत मेहरबानी होगी
Deleteवैसे नाम मे रखा क्या है, मैं तो आपकी कविताओं का एक प्रशंसक मात्र हूँ फिर भी नाम तो आपने रख ही दिया है - "जी"
Deleteऔर शेष जैसा आप सोच लें, मान लें मैं तो बस वही हूँ .....
प्रभु सबकी सुनता है ...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया विनती ...
ReplyDeleteकिशान के माध्यम से यह सभी की प्रार्थना है
LATEST POSTसपना और तुम
बहुत सुन्दर ।
ReplyDeleteबहुत सार्थक अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर!!!
ReplyDeleteपधारें "आँसुओं के मोती"