ये पर्वत, सफ़ेद रुई
जैसी बर्फ से घिरे ऐसे लगे
जैसे ...बूढी नानी की गोद
जिसमे बैठ कर
कहानी सुनते -सुनते सो जाएँ ............
जिसमें बैठ कर
सारी थकान भूल जाएँ ........
जैसे... पिता का मजबूत सहारा ,
जहाँ हर दुःख दूर हो जाये ........
जैसे ...प्यारी सखी का संग
जिसके डाल गलबहियां
बतिया ले हर दुःख-सुख ....
जैसे .....प्रियतम का साथ जिसके
आगोश में हर गम भुला दें ......