जाने वाले ने तो कहा था
नहीं रुक पायेगा
उसे अब जाना ही होगा..
अब अगर रुक गया
जा नहीं पाएगा
नहीं रुक पायेगा
उसे अब जाना ही होगा..
अब अगर रुक गया
जा नहीं पाएगा
फिर कभी..
शाम भी हो रही थी
जाना ही होगा उसे
अँधेरा गहराने से पहले ही..
जाने वाले को विदा तो दे दी थी
मुड़ कर देखा भी न था
फिर क्या हुआ था !
वह क्यों रुका
थोड़ा सा ठिठक भी गया था
जाने से पहले !
उसे मुड़ कर तो नहीं देखा गया था
फिर भी
कदमों की
थमी-ठहरी
पदचाप बता गई
वह नहीं गया
रह गया था
बस गया था
थोड़ा-थोड़ा हर जगह..
यहाँ -वहां
हर कोने में
छत की मुंडेर पर भी
और
ह्रदय के तिकोने वाले हिस्से में भी।
पदचाप बता गई
वह नहीं गया
रह गया था
बस गया था
थोड़ा-थोड़ा हर जगह..
यहाँ -वहां
हर कोने में
छत की मुंडेर पर भी
और
ह्रदय के तिकोने वाले हिस्से में भी।