बंद दरवाजे पर
दस्तक दी जाती रही
दरवाजा नहीं खुला ।
मगर
दरवाजे के उस पार
आवाज़ें थी , हलचल थी
फिर दरवाजा क्यों नहीं खुला !
दरवाजे खुलने की कुछ शर्त थी शायद
जब दोनों तरफ कुन्डी लगी थी
मजबूत ताले थे
तो दस्तक का औचित्य ही क्या था !
क्या यह मात्र औपचारिकता थी
या सुलह की पहल
मालूम नहीं !
दस्तक अब भी दी जा रही है
कुन्डीयों , तालों के टूटने का इंतज़ार है ...
दस्तक दी जाती रही
दरवाजा नहीं खुला ।
मगर
दरवाजे के उस पार
आवाज़ें थी , हलचल थी
फिर दरवाजा क्यों नहीं खुला !
दरवाजे खुलने की कुछ शर्त थी शायद
जब दोनों तरफ कुन्डी लगी थी
मजबूत ताले थे
तो दस्तक का औचित्य ही क्या था !
क्या यह मात्र औपचारिकता थी
या सुलह की पहल
मालूम नहीं !
दस्तक अब भी दी जा रही है
कुन्डीयों , तालों के टूटने का इंतज़ार है ...