चर्चा होगी
मेरे बारे में
कैसी थी मैं
क्या बोलती थी
सोचा क्या करती थी
ये तो पता नहीं भई
सर पर लट्टू नहीं लगे थे न
रोशनी वाले
जो मन का मीटर समझते
और जल जाते
मेरे जाने के बाद
ये भी चर्चा होगी
मैंने कैसे अंतिम सांस लिया
कितनी बार सांस अटका
कितनी बार सांस खींचा..
काश कि
मेरे जीते जी ही कोई
मेरी आँखो में झाँक कर
हाथों को थाम कर
पूछ लेता
कैसी हूँ मैं...