यह जिन्दगी,
बंधी है , सम्भाली सी
एक नियत दायरे में ,
या
खुल कर
बिखरने को आतुर है ।
चुप रहें ,
बात करें ,
हंसे या
मुस्कुराएं....
सही राह
चलते रहना है
या
नई पगडंडियां भी
आजमाना है ।
यह जिंदगी,
बदहवास सी
भटकन ही तो है !
।