हाथ में लकीरें है
कितनी सारी
छोटी-बड़ी,
बारीक,
बारीक से भी महीन !
जीवन रेखा
दिल की रेखा
दिमाग की रेखा
और
किस्मत वाली रेखा भी !
एक रेखा भी है
तुम्हारे नाम की |
जो उँगलियों के पोरवों से
फिसलती हुई
जीवन रेखा
दिल की रेखा
दिमाग की रेखा
और
किस्मत की रेखा से
मणिबन्ध में
आकर रूकी है |
थामे रहती है
कलाई मेरी
धड़कती है मेरे हर
ह्रदय के स्पंदन में |
जीती हूँ हर पल तुम्हें
हर धड़कते स्पंदन में
तुम्हारे होने का अहसास में |