तुमको याद करना
तुमको ढूँढना ,
हर आहट पर पलट
कर देखना के तुम
आ रहे हो शायद ...
पर तुम ,तुम
तो हो ही नहीं
एक आभास
ही तो हो ...
मुझे यूँ भी लगता है
,
एक दिन तुम आओगे
और मेरे कंधे पर धीरे
हाथ रखोगे
मैं पलट कर देखूंगी ,
तुम्हे अपने सामने
ही पाऊँगी...
मैं इसी आभास
मैं ही रहती हूँ
और गुम रहना भी
चाहती हूँ ...
( चित्र गूगल से साभार )