Saturday, 31 January 2015

इस लिए सिर्फ तुम्हारा नाम लिखा ....

आओ साथी
एक पाती लिखें,
प्रेम भरा एक पाती,
एक दूजे के लिए...

तुमने लिखा
सूरज, चाँद और तारों पर
अधिपत्य तुम्हारा है !

धरती से
 आकाश की हद तक
हक तुम्हारा है !

जो कुछ तुम्हारा है
वही मेरा ही है !

सब कुछ 
लिख दिया तुमने !

मैंने लिखा
मेरी कलम में
सियाही बहुत कम है

इस लिए सिर्फ
तुम्हारा नाम लिखा ....

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