Monday 17 June 2013

ਝੁਠੀ ਦੁਨੀਆ ਦੇ ਏਹ ਝੂਠੇ ਲੋਕ ....( झूठी दुनिया के झूठे लोग )

ਝੁੱਠੀ ਦੁਨੀਆ ਦੇ ਏਹ
ਝੁੱਟੇ ਲੋਕ 
ਬੁੱਲਾਂ ਤੇ ਮਿਠੇ ਬੋਲ ਤੇ 
ਦਿਲਾਂ ਚ ਖਾਰੇ ਪਾਣੀ ਦੇ ਖੂਹ ...

ਇਹ ਝੁੱਟੇ ਲੋਕ
ਝੁੱਟਾ ਹਾਸਾ  ਵਿਖਾ
ਲੋਕੀਆਂ ਨੁੰ
ਖਾਰੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਮੀਠਾ ਘੁਟ
ਪਿਆ  ਦਿੰਦੇ ਨੇ ...

ਇਹ ਝੁੱਟੇ ਲੋਕ
ਕਦੀ ਸਕੇ  ਨਾ  ਹੋ ਸਕਦੇ ,
ਬੁੱਕਲ  ਦੇ ਸੱਪ  ਵ੍ਹਾੰਗ
ਦੰਗਦੇ ਰਹਿੰਦੇ  ...

  ਇੰਜ ਦੰਗਦੇ ਇਹ ਝੂਠੇ  ਲੋਕ
ਜਾਣ ਵੀ ਕੱਡ ਲੇਣ
ਤੇ ਆਹ ਵੀ
ਨਾ ਕਰਨ ਦੇਣ ...

ਇਹ ਝੁੱਟੇ ਲੋਕ
ਸਾਡੇ ਆਸੇ-ਪਾਸੇ ਹੀ ਤਾਂ
ਹੁੰਦੇ ਨੇ
ਬੁੱਲਾਂ ਤੇ ਮੀਠੀ ਬੋਲੀ ਤੇ
ਦਿਲਾਂ ਚ ਖੜੇ ਪਾਣੀ ਦਾ ਖੂਹ ਲੇ ਕੇ ...
...........................................................................................................
( हिंदी अनुवाद )
.............................
झूठी दुनिया के
झूठे लोग
होठों पर मीठी बोली
और दिलों में खारे पानी के कुएं ...

ये झूठे लोग
झूठी हँसी दिखा कर
खारे पानी का मीठा घूंट
पिला देते हैं ...

ये झूठे  लोग
कभी सगे ना हो सकते
आस्तीन के सांप की तरह
डंक मारते हैं ...

इस तरह डंक मारते
ये झूठे लोग ,
जान भी निकालते हैं और
आह भी नहीं निकलने देते ...

ये झूठे लोग
आस -पास ही तो होते हैं
होठों पर मीठी बोली और
दिलों में खारे पानी के कुए लिए ...

( चित्र गूगल से साभार )


9 comments:

  1. पूरी तरह सहमत हूँ आपकी कविता से..

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  2. You have truly said. I liked you poetry very much. Regards

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  3. सच है की दुनिया झूठे लोगों से भरी हुई है ...
    ऐसे लोग कुछ भी कर सकते हैं ... बच के रहना जरूरी है ...

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  4. बहुत उम्दा,सुंदर अनुवाद ,,,बधाई

    RECENT POST : तड़प,

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  5. सत्य वचन | बेहद सटीक वर्णन आज की दुनिया के परिवेश का और आस-पास के धोखा देने वाले झूठे, मक्कार और लालची लोगों का | बेहतरीन

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  6. कटु यथार्थ कहती बहुत गहन रचना ! बहुत सुंदर !

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  7. aaj ki duniya ka kadva sach yahin hai...pehchanna bahut mushkil hota hai aise logo ko....sundar rachna

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