जिन्दगी की किताब
खोल कर जो देखी
खोल कर जो देखी
तो ना जाने
कितनी यादों के
सूखे फूल
कितनी यादों के
सूखे फूल
महकते नज़र आये ...
कुछ पन्ने
आसमानी
नज़र आये तो
आसमानी
नज़र आये तो
कुछ हल्के गुलाबी ...
जो पन्ने
कभी खोल कर भी नहीं देखे
अब वो
कभी खोल कर भी नहीं देखे
अब वो
बैंगनी नज़र आये ...
झिलमिलाते पन्नों को
पलटा तो कुछ
पलटा तो कुछ
सितारे बिखरे हुए से दिखे ,
वो सितारे उठा कर
मैंने आपने दामन
मैंने आपने दामन
में टांक लिए ...
जिन्दगी की किताब
को पढ़ा,
पर उठा कर
को पढ़ा,
पर उठा कर
फिर से ताक पर नहीं रखा ...
अब इस किताब को
साथ-साथ पढना और
साथ-साथ पढना और
जीना चाहती हूँ ,
फिर से यादों के फूलों
को सूखने नहीं देना
को सूखने नहीं देना
चाहती .........
yaade bahut anmol hoti hain bahut umda
ReplyDeletebahut hi sunder
ReplyDeleteयादें ही तो साथ रह जाती हैं बाकी तो सब साथ छोड़ जाते हैं | लाजवाब रचना | आभार
ReplyDeletebehtreen rachna
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति !
ReplyDeletelatest post मंत्री बनू मैं
LATEST POSTअनुभूति : विविधा ३
ज़िन्दगी की किताब का हर सफहा तुमसे...हर लफ्ज़ तुम पर......
ReplyDeleteसुन्दर एहसास....
अनु
sundar kitab....sundar rachna
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत और भावपूर्ण रचना. पढकर कहीं से आनंद फिल्म के एक दृश्य की याद आ गयी जिसमे राजेश खन्ना अपनी गीतों की डायरी में से एक फूल निकालकर यादों में डूब जाता है. पढकर अच्छा लगा.
ReplyDelete-अभिजित (Reflections)
behad bhavpurn rachna
ReplyDeleteबहुत ही भाव पूर्ण रचना ,बहुत खूब
ReplyDeleteआपकी सर्वोत्तम रचना को हमने गुरुवार, ६ जून, २०१३ की हलचल - अनमोल वचन पर लिंक कर स्थान दिया है | आप भी आमंत्रित हैं | पधारें और वीरवार की हलचल का आनंद उठायें | हमारी हलचल की गरिमा बढ़ाएं | आभार
ReplyDeleteबहुत नाज़ुक सी रचना ! ज़िंदगी की किताब का हर लफ्ज़ सितारों सा जगमगाए और यादों के फूल हमेशा तरोताजा रहें यही दुआ है ! आमीन !
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteअच्छी रचना
https://twitter.com/prashantchoub13
ReplyDeletehttp:/prashant3.blogspot.in
ReplyDeleteज़िंदगी की क़िताब, हर दम साथ...बहुत सुन्दर
ReplyDeleteयादों की ये किताब संभाल के रखना
ReplyDeleteजिन्दगी की किताब के पन्ने रंग बिरंगे होते तो हैं पर उन पन्नों पर
ReplyDeleteजीवन का संघर्ष लिखा होता है
वाह गहन अनुभूति की रचना
सादर
आग्रह है
गुलमोहर------
वाह!बहुत सुन्दर रचना
ReplyDeletebahut sundar rachanaa..
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteजिंदगी की किताब ऐसी ही होती है जिसे जीने का मन करता है ... बार बार ...
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