एक साल और बीता
अच्छा या बुरा
मालूम नहीं यह मुझे
बस बीता दिया
या बीत गया ,
जैसे मेरी उमर !
एक बरस
हो गया हो कम ....
गर्मी इस साल भी रही ,
हाँ ! कीर्तिमान नहीं टूटे
कई बरसों की तरह ,
नए आयाम के साथ कायम रही
तुम्हारी बेरुखी की तरह।
बारिश भी कहाँ थी !
हुई भी तो
बिन मौसम !
बारिश का बहाना नहीं मिला
मुझे।
इस बार भी तकिये ने ही
आँसू झेले ....
और अब सर्दी !
यह भी नए आयाम
स्थापित किये जा रही है।
बर्फ जमाए जा रही है
हड्डियों में
और रिश्ते में तुम्हारे और मेरे।
फिर भी
बने रहना तुम
मौसम की तरह हर बरस
जैसे भी हो
जाने -अनजाने या थोड़े से पहचाने।
हाँ ! तुम
गर्मी में कभी सुकून भरा
झोंका बन जाना ,
सर्दी में गर्म लिहाफ़
ओढ़ा जाना।
बारिश में रुलाना मत !
मुझे तुम्हारा इंतज़ार रहेगा
हर बरस की तरह !
अच्छा या बुरा
मालूम नहीं यह मुझे
बस बीता दिया
या बीत गया ,
जैसे मेरी उमर !
एक बरस
हो गया हो कम ....
गर्मी इस साल भी रही ,
हाँ ! कीर्तिमान नहीं टूटे
कई बरसों की तरह ,
नए आयाम के साथ कायम रही
तुम्हारी बेरुखी की तरह।
बारिश भी कहाँ थी !
हुई भी तो
बिन मौसम !
बारिश का बहाना नहीं मिला
मुझे।
इस बार भी तकिये ने ही
आँसू झेले ....
और अब सर्दी !
यह भी नए आयाम
स्थापित किये जा रही है।
बर्फ जमाए जा रही है
हड्डियों में
और रिश्ते में तुम्हारे और मेरे।
फिर भी
बने रहना तुम
मौसम की तरह हर बरस
जैसे भी हो
जाने -अनजाने या थोड़े से पहचाने।
हाँ ! तुम
गर्मी में कभी सुकून भरा
झोंका बन जाना ,
सर्दी में गर्म लिहाफ़
ओढ़ा जाना।
बारिश में रुलाना मत !
मुझे तुम्हारा इंतज़ार रहेगा
हर बरस की तरह !
गर्मी में कभी सुकून भरा
ReplyDeleteझोंका बन जाना ,
सर्दी में गर्म लिहाफ़
ओढ़ा जाना।
बारिश में रुलाना मत !
मुझे तुम्हारा इंतज़ार रहेगा
हर बरस की तरह ! बहुत सुन्दर कविता, मानवीय ज़ज्बातों को शब्दों में पिरोती हुई! साभार! आदरणीया उपासना जी!
धरती की गोद
भावनापूर्ण कविता
ReplyDeleteनव वर्ष की ढेरों शुभकामनायें।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ! नये वर्ष की हार्दिक मंगलकामनाएं !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक चर्चा मंच पर वर्ष २०१५ की प्रथम चर्चा में दिया गया है
ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
बहुत सुन्दर प्रस्तुति .नव वर्ष की शुभकामनाएं
ReplyDeleteबारिश में रुलाना मत !
ReplyDeleteमुझे तुम्हारा इंतज़ार रहेगा
हर बरस की तरह ! बहुत सुन्दर कविता नव वर्ष की शुभकामनाएं
गर्मी इस साल भी रही ,
ReplyDeleteहाँ ! कीर्तिमान नहीं टूटे
कई बरसों की तरह ,
नए आयाम के साथ कायम रही
तुम्हारी बेरुखी की तरह।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
बहुत सुन्दर ..नये वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुति।
ReplyDelete--
नव वर्ष-2015 आपके जीवन में
ढेर सारी खुशियों के लेकर आये
इसी कामना के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
नए साल पर सार्थक प्रस्तुति
ReplyDeleteआपको नए साल की हार्दिक मंगलकामनाएं!