तस्वीर में चाँद था
या चाँद की तस्वीर थी
क्या फर्क पड़ता है।
चाँद तो बस चाँद है
सुंदर सा
मन को हरने वाला
मनोहर.....!
तस्वीर का चाँद
मुस्कुराता दिखा
मनोहर मुस्कान के साथ।
मुस्कान जो दिखाई दी
क्या वह दिल से जुड़ी भी थी
या यूँ ही
तस्वीर की सुंदरता बढाने के लिए थी !
क्योंकि
आँखों में अब भी
उदासियां नज़र आती है
चाँद का ग्रहण से गहरा नाता है....!
शायद...!
या चाँद की तस्वीर थी
क्या फर्क पड़ता है।
चाँद तो बस चाँद है
सुंदर सा
मन को हरने वाला
मनोहर.....!
तस्वीर का चाँद
मुस्कुराता दिखा
मनोहर मुस्कान के साथ।
मुस्कान जो दिखाई दी
क्या वह दिल से जुड़ी भी थी
या यूँ ही
तस्वीर की सुंदरता बढाने के लिए थी !
क्योंकि
आँखों में अब भी
उदासियां नज़र आती है
चाँद का ग्रहण से गहरा नाता है....!
शायद...!
सुन्दर प्रस्तुति! साभार! आदरणीया उपासना जी!
ReplyDeleteधरती की गोद
गहरा एहसास ... पर सच है चाँद का दिल और ग्रहण से गहरा नाता है ...
ReplyDeleteचाँद का ग्रहण है गहरा नाता है, हर ग्रहण उसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा जाता है …
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत गहन भाव …
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (17-12-2014) को तालिबान चच्चा करे, क्योंकि उन्हें हलाल ; चर्चा मंच 1829 पर भी होगी।
ReplyDelete--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत खिली हुई कविता ........सुन्दर !!
ReplyDeleteचाँद का ग्रहण से गहरा नाता है...शानदार बात कही आपने
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ReplyDeleteचांद का ग्रहण से गहरा नाता है.
सुंदर.
मुस्कान जो दिखाई दी
ReplyDeleteक्या वह दिल से जुड़ी भी थी
या यूँ ही
तस्वीर की सुंदरता बढाने के लिए थी !
बहुत ही सुन्दर अलफ़ाज़