तुम्हारा नाम मैंने पत्थर
पर नही लिखा था
पत्थरों पर लिखे नाम
वक्त के साथ धुंधला
जाते है ...
मैंने तुम्हारा नाम ,
सागर किनारे लिखा था
सागर के किनारे की रेत पर
लिखे नाम
लिखे नाम
कभी नहीं मिटते ...
वे नाम
लहरों के साथ
सागर में ही मिल
जाते है ...
लहरों के साथ
सागर में ही मिल
जाते है ...
हर लहर के साथ
बहते रहते है
ना घुलते है
ना गलते है
ना घुलते है
ना गलते है
इसीलिए सागर का
पानी भी खारा होता है
वो नाम आंसुओं से
जो लिखे होते है ...
कभी अंजुरी भर करदेखोगे या
किसी लहर पर
कोई किरण को झिलमिलाती
देखोगे
तुम्हे लिखा नज़र आएगा
तुम्हारा नाम ...
कभी अंजुरी भर कर देखोगे या
ReplyDeleteकिसी लहर पर कोई किरण को
झिलमिलाती देखोगे तो तुम्हे
लिखा नज़र आएगा तुम्हारा नाम .....बहुत खूब.....:))
बहुत बहुत शुक्रिया अरुणा जी
Deleteसागर के किनारे ,
ReplyDeleteकी रेत पर लिखे नाम
कभी नहीं मिटते .......
वो लहरों के साथ सागर
में ही मिल जाते है .......बहुत सुन्दर.....भावपूर्ण:)
बहुत बहुत शुक्रिया जी
Deleteरेत पर लिखे नाम कभी नहीं मिटते , वो लहरों के साथ सागर मे ही मिल जाते हैं ..
ReplyDeleteNice ...Upasna
बहुत बहुत शुक्रिया प्रतिभा दी .........
Deleteकाफी सुन्दर शब्दों का प्रयोग किया है आपने अपनी कविताओ में सुन्दर अति सुन्दर
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया जी ...........
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