कहीं पढ़ा था कभी
किसी ने कहा था कहीं ,
ना जाने किसी के लिए
या खुद को समझाने के लिए ही
लिखा था उसने
ना जाने किसी के लिए ,
लिखा था उसने
मुहब्बत कभी एक तरफा
नहीं होती
तो मैंने भी यही जाना
हाँ !
मुहब्बत एक तरफा तो नहीं होती
कभी लेकिन
तुमने भी यही जाना है क्या !
यह मुहब्बत तो दोनों
तरफ ही होती है
एक मन से पुकार लगाता है तो
दूजा बैचेन
किसलिए हो उठता है
क्या तुमने भी यही जाना है कभी !
----उपासना सियाग
किसी ने कहा था कहीं ,
ना जाने किसी के लिए
या खुद को समझाने के लिए ही
लिखा था उसने
ना जाने किसी के लिए ,
लिखा था उसने
मुहब्बत कभी एक तरफा
नहीं होती
तो मैंने भी यही जाना
हाँ !
मुहब्बत एक तरफा तो नहीं होती
कभी लेकिन
तुमने भी यही जाना है क्या !
यह मुहब्बत तो दोनों
तरफ ही होती है
एक मन से पुकार लगाता है तो
दूजा बैचेन
किसलिए हो उठता है
क्या तुमने भी यही जाना है कभी !
----उपासना सियाग
bahut hi marmik ..kavita didi ji ..thanks
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteसच्ची मुहब्बत एक दूसरे की सच्ची पुकार होती है
samjhna bahut mushkil hai....par haan sacchi muhabbbat mey ye kashish hoti hai ....sundar rachna..
ReplyDeleteकहाँ मिलती है ऐसी मुहब्बत
ReplyDeleteमैंने तो एक तरफा ही जाना है
कोई पुकार सुने तो ना .....
ReplyDeleteतब तक कभी कभी प्यार एक तरफ़ा भी होता है
koi pukar suny to na...............bahut hi vadiya...........
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteबहुत खूब..दुनिया के सबसे बड़े प्रश्न का उत्तर देती प्रस्तुति।।।
ReplyDeletebhut acha.
ReplyDeleteVinnie,
Please visit my blog ,"Unwarat.com"& do express your views.
बहुत सुंदर प्रस्तुति ....
ReplyDeleteसहज और आरोपित में अंतर होता है!
ReplyDeleteइकतरफा मोहब्बत .....कोई मायने नहीं रखती ..केवल दिलको बहलाना हुआ...मोहब्बत एक साथ का नाम है ....
ReplyDeleteमोहब्बत में एक का दर्द दूसरा बिना कहे महसूस कर लेता है...एकतरफा मोहब्बत मोहब्बत कहाँ है?
ReplyDeleteवाह वाह वाह
ReplyDeleteबहुत ही उत्कृष्ट अभिव्यक्ति
और क्या जवाब दिया है आपने उस लिखने वाले को
बहुत सुन्दर