Thursday 15 March 2012

जब कोई इंसान मुहब्बत में होता है ...


जब कोई इंसान
मुहब्बत
में होता है
 उसे वृक्षों की पत्तियां 
 हरी दिखाई देने लग जाती है ...

खिले फूल ,
आसमान में
उड़ते पंछी भी
बहुत सुन्दर दिखाई
देने लगते हैं ...

 ज्यादा भावुक भी
क्या होना है अब
यह जान -समझ कर ...


 कि कोई इंसान
मुहब्बत में नहीं भी होता है
तो ,
उसे भी वृक्षों की पत्तियाँ हरी ,
खिले फूल सुन्दर
और
आसमान में उड़ते पंछी भी
अच्छे ही दिखाई देतें है ...

उनकी कहीं कोई
नज़र कमजोर थोड़ी ना
होती है ........

15 comments:

  1. बस मोहब्बत में उनके रंग थोड़े और निखरे होते हैं..और वे दिल के और करीब महसूस होते हैं

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  2. हा हा ... सही कहा है रंग तो वही रहते हैं पर दृष्टि बदल जाती है ...

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  3. ठीक है बिना भावुक हुए ही कहे देता हूँ कि आप ने जिस तरह से बात कही है वो पसंद आया है !

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  4. बड़े पते की बीत कह दी है उपासना जी ! बस मोहोब्बत करने वाले इंसान के लिये हर वस्तु की परिभाषा बदल जाती है चाहे वह कितनी ही सामान्य क्यों न हो ! !

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  5. बहुत सुन्दर भावों की अभिव्यक्ति . आभार रुखसार-ए-सत्ता ने तुम्हें बीमार किया है . आप भी दें अपना मत सूरज पंचोली दंड के भागी .नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN क्या क़र्ज़ अदा कर पाओगे?

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  6. बेहतरीन ,लिखने का खूबशूरत अंदाज़

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  7. इतनी बड़ी बात को आपने चंद लाइनों मे व्यक्त कर दिया सुंदर अभिव्यक्ति है आपकी

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  8. muhabbat me unme khushiyon ke rang aur gadhe dikhayi dene lgte hai ...

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  9. वाह! बहुत खूब....

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  10. प्रेम में ताजा प्रवेश करने वाले व्यक्ति के लिए प्रकृति वैसे ही होती है जैसे सबके लिए, कोई फर्क नहीं आपने सही कहा। पर प्रेम करने वाले की बाहरी नहीं भीतरी दिल की प्रकृति बदली होती है और वह हवा के लहरों पर सवांर होकर आकाश में उडने लगता है। बस आम इंसान और प्रेमी के बीच यहीं अंतर होता है।

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