कुछ रिश्ते जो अनाम
होते है ,
फिर भी मन के करीब
लगते है ..............
जिनको छूने से भी डर
लगता है लेकिन
मन से महसूस तो किया
जाता है ,
जुबान पर नहीं लाया जाता .......
और नाम भी नहीं दिए जाते
ऐसे अनाम रिश्तो को...........
तो फिर क्या कहिये ऐसे रिश्तों
को,
जिनका नाम आते ही होठों पर
एक मधुर मुस्कान सी आ
जाती है ,
उस अनाम से रिश्ते को मुस्कान
के रिश्ते का नाम तो दे ही
सकते है ........
अपने अलग अंदाज़ में .... अनाम रिश्तों को नाम देती आपकी एक बार एक सुन्दर रचना !!!
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत रचना ...
ReplyDeleteSunder naam diya sakhi ...anaam Rishte ko
ReplyDeleteपिछले कुछ दिनों से अधिक व्यस्त रहा इसलिए आपके ब्लॉग पर आने में देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ...
ReplyDelete....... रचना के लिए बधाई स्वीकारें.