Sunday, 4 March 2012

एक नन्हा सा दिल

थोडा सा आसमान ,


एक मुट्ठी धरा,


जरा सी अग्नि ,


दो तीन लहरे और 


एक अंजुरी भर हवा ,


को एक साथ समेट कर

उसमे दो हीरे जड़ने ही तो


चाहे थे
.............

साथ में एक नन्हा सा दिल


जो पायल की तरह धडकता


अपनी सांसों के साथ 

.........
पर न आसमान मिला न धरा ,


समय की अग्नि ने लहरों को


झुलसा कर हवाओं को ही


गरमाए रखा 

.............................
दूर से ही चमकते दिखे वो हीरे और


एक नन्हा सा दिल जो .................

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