थोडा सा आसमान ,
एक मुट्ठी धरा,
जरा सी अग्नि ,
दो तीन लहरे और
एक अंजुरी भर हवा ,
को एक साथ समेट कर
उसमे दो हीरे जड़ने ही तो
चाहे थे.............
साथ में एक नन्हा सा दिल
जो पायल की तरह धडकता
अपनी सांसों के साथ
.........
पर न आसमान मिला न धरा ,
समय की अग्नि ने लहरों को
झुलसा कर हवाओं को ही
गरमाए रखा
.............................
दूर से ही चमकते दिखे वो हीरे और
एक नन्हा सा दिल जो .................
एक मुट्ठी धरा,
जरा सी अग्नि ,
दो तीन लहरे और
एक अंजुरी भर हवा ,
को एक साथ समेट कर
उसमे दो हीरे जड़ने ही तो
चाहे थे.............
साथ में एक नन्हा सा दिल
जो पायल की तरह धडकता
अपनी सांसों के साथ
.........
पर न आसमान मिला न धरा ,
समय की अग्नि ने लहरों को
झुलसा कर हवाओं को ही
गरमाए रखा
.............................
दूर से ही चमकते दिखे वो हीरे और
एक नन्हा सा दिल जो .................
Bahut hi Sunder .... Upasna sakhi...
ReplyDeletethank u sakhi rama
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