सुबह का समय
इंतजा़र एक सीटी की
कर्कश आवाज़ का...
सुन कर लोग
निकल आते हैं घरों से
जैसे
दवा डाल देने पर
कॉक्रोच।
हाथों में
अपने ही घर का कूड़ा लिए
और नाक ढके या
सांस रोके....
कूड़े वाला
चुप ,निर्विकार संत सा
सबका कूड़ा
इकट्ठा ,
एकसार करता
आगे बढ़ जाता ..
सोचती हूँ
काश कोई ऐसा संत
सच में हो
जो मानव हृदय के
कूड़े को कहीं दूर ले जाकर
फैंक दे ।
इंतजा़र एक सीटी की
कर्कश आवाज़ का...
सुन कर लोग
निकल आते हैं घरों से
जैसे
दवा डाल देने पर
कॉक्रोच।
हाथों में
अपने ही घर का कूड़ा लिए
और नाक ढके या
सांस रोके....
कूड़े वाला
चुप ,निर्विकार संत सा
सबका कूड़ा
इकट्ठा ,
एकसार करता
आगे बढ़ जाता ..
सोचती हूँ
काश कोई ऐसा संत
सच में हो
जो मानव हृदय के
कूड़े को कहीं दूर ले जाकर
फैंक दे ।
इन्तजार कीजिये ....
ReplyDelete: शम्भू -निशम्भु बध --भाग १
लाजवाब , धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
अति सुन्दर
ReplyDeleteउम्मीद की लहरों पे भरोसा रखिये
वक्त बहुत दूर नहीं भरोसा रखिये