ये जीवन
जैसे कोई
किराये का घर हो
हर एक सांस पर
हर एक कदम पर
हर एक मंजिल पर
किराया ही तो भरना होता है ..
माना कि
ये जीवन
किराये का ही घर है
फिर भी
मोह -माया से
मन जकड़ा जाता है
हर एक दीवार से प्रेम
होता जाता है
सुरक्षा का अहसास देती है
ये दीवारें
हर छत जैसे
पल -पल जीने का
हौसला सा देती....
माना कि
एक दिन अपने घर
जाना ही होगा
मोह-माया को परे कर
ये किराये का घर छोड़ कर
फिर भी
संवेदनाओं और भावनाओं
का किराया लेता
ये घर भी बहुत प्यारा
लगता है ...
जैसे कोई
किराये का घर हो
हर एक सांस पर
हर एक कदम पर
हर एक मंजिल पर
किराया ही तो भरना होता है ..
माना कि
ये जीवन
किराये का ही घर है
फिर भी
मोह -माया से
मन जकड़ा जाता है
हर एक दीवार से प्रेम
होता जाता है
सुरक्षा का अहसास देती है
ये दीवारें
हर छत जैसे
पल -पल जीने का
हौसला सा देती....
माना कि
एक दिन अपने घर
जाना ही होगा
मोह-माया को परे कर
ये किराये का घर छोड़ कर
फिर भी
संवेदनाओं और भावनाओं
का किराया लेता
ये घर भी बहुत प्यारा
लगता है ...
aap aisa kyon sochaty hai....ye jivan pyar ke ghar bhi to ho sakata hai....
ReplyDeleteभावनाओं से भरी ... मोहक रचना ...
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteaap kaa kahna bilkul thika hai.
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावनापूर्ण प्रस्तुति...!
ReplyDeleteRECENT POST -: नये साल का पहला दिन.
bhavnaye rachna ke rup me behatrin ubharkar aayi.............
ReplyDeleteलाजवाब भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@एक प्यार भरा नग़मा:-कुछ हमसे सुनो कुछ हमसे कहो
atulniy
ReplyDeleteबिल्कुल सच..बहुत भावमयी रचना...
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