करती हूँ आज
आव्हान !
तैतीस करोड़ देवी -देवताओं का ,
हे देवी -देवता
सुनो मेरी आर्त पुकार
हूँ मैं बेबस लाचार
मैंने तुमसे कभी ना मांगी
कोई भेंट
ना ही झोली फैलाई
माँगा कोई वरदान
मैंने देखा
कविता के पास है
सुंदर साड़ी बंधेज की
गले में सुंदर कुंदन का हार
मुझे नहीं चाहिए
साड़ी और हार !
नीलिमा के पास
अच्छा सा लेपटोप देखा मैंने
थोड़ी इर्ष्या तो हुई
लेकिन
तुमसे ये क्यूँ मांगू मैं !
देखो !
मीना के पास भी है
सुन्दर चमचमाती कार
मुझे कार भी नहीं चाहिए
तुम देवी -देवताओं के आगे सब है बेकार
हां अब रमा की क्या बात करूँ
वह तो खुद ही है एक
जापानी गुडिया
मुझे किसी से कुछ ना चाहिए
बस तुम सभी देवी -देवता
चले आओ सुन कर मेरी पुकार
दे दो मुझे बस हर एक
एक -एक रूपये का वरदान ….
आव्हान !
तैतीस करोड़ देवी -देवताओं का ,
हे देवी -देवता
सुनो मेरी आर्त पुकार
हूँ मैं बेबस लाचार
मैंने तुमसे कभी ना मांगी
कोई भेंट
ना ही झोली फैलाई
माँगा कोई वरदान
मैंने देखा
कविता के पास है
सुंदर साड़ी बंधेज की
गले में सुंदर कुंदन का हार
मुझे नहीं चाहिए
साड़ी और हार !
नीलिमा के पास
अच्छा सा लेपटोप देखा मैंने
थोड़ी इर्ष्या तो हुई
लेकिन
तुमसे ये क्यूँ मांगू मैं !
देखो !
मीना के पास भी है
सुन्दर चमचमाती कार
मुझे कार भी नहीं चाहिए
तुम देवी -देवताओं के आगे सब है बेकार
हां अब रमा की क्या बात करूँ
वह तो खुद ही है एक
जापानी गुडिया
मुझे किसी से कुछ ना चाहिए
बस तुम सभी देवी -देवता
चले आओ सुन कर मेरी पुकार
दे दो मुझे बस हर एक
एक -एक रूपये का वरदान ….
ना माँगते माँगते भी बड़ी होशियारी से सब माँग लिया आपने । मिल जाए तो कुछ भिजवा दीजिएगा , सबसे पहले कमेंट जो कर रहा हूँ ।
ReplyDeleteबढ़िया रचना ।
आपने लिखा....हमने पढ़ा....
ReplyDeleteऔर लोग भी पढ़ें; ...इसलिए आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल में शामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा {रविवार} 22/09/2013 कोजिंदगी की नई शुरूवात..... - हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल – अंकः008 पर लिंक की गयी है। कृपया आप भी पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें। सादर ....ललित चाहार
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति है आदरणीया-
आभार आपका-
हे ईश्वर !!
ReplyDeleteये सयानी सखी मुझे हर जन्म में मिले यही वरदान देना
मै भी मीना
Deleteनमस्कार आपकी यह रचना कल रविवार (22--09-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
ReplyDeleteबहुत खूब....... सुन्दर
ReplyDeleteसुंदर रचना...
ReplyDeletebahut khub
ReplyDeleteहे प्रभु एक नेक इंसान ब्लॉगर की सभी इच्छाएं पूर्ण करना और यह भी विनती है कि उपासना जी को ऐसी प्यारी प्यारी भावनात्मक लेखन की प्रेरणा देते रहना जिससे हमें अच्छी रचनाएं पढ़ने को मिलती रहें, उपासना जी आपको धन्यवाद ।
ReplyDeleteअति उत्तम रचना उपासना सखी .....मज़ा आ गया ...इतना प्यार अपनी सखियों के लिए और भगवान् से इतना सुंदर वरदान ....
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