Monday 7 May 2012

मुझे तुम याद आये


तुम्हारा नाम भूलने की
 बहुत सी वजह है मेरे पास 
पर जब -जब तुम्हारे 
शहर का नाम आया तो
मुझे तुम याद आये ...
तुम्हारा भी नाम भी
अपनी जुबां पर ना लाने
की बहुत सी वजह है
मेरे पास, पर जब-जब
तुम्हारा गाया गीत
गुनगुनाया तो मुझे
तुम याद आये ...
तुम्हारे वजूद को भूलने
की बहुत सी वजह है मेरे
पास पर जब-जब आईना
निहारा आँखों में तुम नज़र
आये तो मुझे तुम
बहुत याद आये ..............

7 comments:

  1. तुम्हारा नाम भूलने की
    बहुत सी वजह है मेरे पास
    पर जब -जब तुम्हारे
    शहर का नाम आया तो
    मुझे तुम याद आये .........क्या खूब कही उपासना जी

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  2. Bahut sunder .....mujhe tum yaad aaye...jab jab tumhe bhulaya.....

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  3. उनको याद करने का आपका निराला अंदाज है.
    सुन्दर भावमय प्रस्तुति के लिए आभार.

    मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है.

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  4. वाह......बहुत खूब, उनको याद करने निराला अंदाज, भाया,.....

    RECENT POST....काव्यान्जलि ...: कभी कभी.....

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  5. वाह याद करने का निराला अन्दाज़

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  6. हम्म ....एक भावनापूर्ण प्यारी अभिव्यक्ति :))

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  7. सुन्दर भाव अभिव्यक्ति....

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