Friday 31 October 2014

तांका लिखने का प्रथम प्रयास


1)
 रूप सुहाना 
मधुर है मुस्कान 
प्यारी बिटिया 
आँगन की रौनक 
कलेजे की ठंडक

2)
    सर्द मौसम
या सर्द होते रिश्ते
जमता लहू
अलाव तो जलाओ
प्रेम व विश्वास का

3 comments:

  1. बहुत सुंदर ताँका
    =
    रिसते जख्म
    सर्द हो रहे रिश्ते ......

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  2. Bahut sunder tanka hai ji.... Aur dono hi rachnaao me gahare bhaaw... Umda likha pahli baar me hi :)

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