मुस्कुराइए !
कि मुस्कुराहटें
छुपा देती है दिलों के राज़।
बन सकते हैं अफ़साने
जिन बातों से
मुस्कुराहटें रोक देती हैं ,
लबों पर आती बात।
बिन कही बातें
कह जाती है
तो
कभी -कभी
बेबसी छुपा भी जाती है
ये मुस्कुराहटें।
देखिये बस
मुस्कुराते लबों को ही,
न झाँकिये आँखों में कभी
ये आँखे इन मुस्कुराहटों
राज़ भी खोल देती है
बस मुस्कुराइए और मुस्कुराते रहिये।
कि मुस्कुराहटें
छुपा देती है दिलों के राज़।
बन सकते हैं अफ़साने
जिन बातों से
मुस्कुराहटें रोक देती हैं ,
लबों पर आती बात।
बिन कही बातें
कह जाती है
तो
कभी -कभी
बेबसी छुपा भी जाती है
ये मुस्कुराहटें।
देखिये बस
मुस्कुराते लबों को ही,
न झाँकिये आँखों में कभी
ये आँखे इन मुस्कुराहटों
राज़ भी खोल देती है
बस मुस्कुराइए और मुस्कुराते रहिये।
बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteमुस्कुराहट पर बढ़िया विचार |
ReplyDeleteबस मुस्कुराइए और मुस्कुराते रहिए .. बहुत सुन्दर ..
ReplyDeleteइसीलिए कहा है -
ReplyDeleteये इतना जो मुस्करा रहे हैं ,
क्या ग़म है जिसो छिपा रहे हैं!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteसच कहा है ... मुस्कराहट छुपा लेती है हर राज ...
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर प्रस्तुति !
ReplyDeleteसच कहा आपने कि
आंखे मुस्कुराहटों का राज खोल देती है !
बहुत बहुत शुभकामनायें !
बिल्कुल सही कहा
ReplyDeleteBilkul sahi muskurahato tale dab jaate hain har raz... Umda rachna
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