जिन्दगी में
मिलता नहीं कुछ भी
जब जो भी चाहा ...
जिन्दगी में
मिल जाता है वह सब
जो कभी नहीं चाहा ...
जिन्दगी में
चाह और अनचाह का
विकल्प होता है किसी
और के पास ...
जिन्दगी में
मिलता नहीं मौका
दुबारा फिर कभी
जिन्दगी में
गए पल फिर नहीं मिलते
ना ही मिलता उन पलों पर अधिकार ही
जिन्दगी में
बिताएं पलों पर भी
मिलता नहीं कुछ भी
जब जो भी चाहा ...
जिन्दगी में
मिल जाता है वह सब
जो कभी नहीं चाहा ...
जिन्दगी में
चाह और अनचाह का
विकल्प होता है किसी
और के पास ...
जिन्दगी में
मिलता नहीं मौका
दुबारा फिर कभी
जिन्दगी में
गए पल फिर नहीं मिलते
ना ही मिलता उन पलों पर अधिकार ही
जिन्दगी में
बिताएं पलों पर भी
और
आने वाले पलों पर भी
अधिकार किसी और
का होता है जिन्दगी में
मिलता कहाँ है
कोई अपना और अपनापन
देने वाला
जिन्दगी में
बस जीना होता है
जैसे बेजान कठपुतलियाँ सी
किसी और के हाथों डोर थमाए ..
बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण रचना,जिंदगी के मिले पल को खूबसूरत ढंग से जीना चाहिए.
ReplyDeleteराजेन्द्र कुमार जी आपका हार्दिक धन्यवाद
Deleteजिन्दगी को बस जीना होता है
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण उम्दा अभिव्यक्ति ,,,
recent post: बसंती रंग छा गया
धीरेन्द्र जी आपका हार्दिक धन्यवाद
DeleteA very sublime poem.
ReplyDeleteगुरदीप सिंह जी आपका हार्दिक धन्यवाद
Deleteहोता है अक्सर ऐसा जिंदगी के साथ.....सुन्दर........वक़्त मिले तो जज़्बात पर भी आएं ।
ReplyDeleteइमरान अंसारी जी आपका हार्दिक धन्यवाद
Deleteजिन्दगी में
ReplyDeleteबस जीना होता है
जैसे बेजान कठपुतलियाँ
किसी और के हाथों डोर .......
वाह ... बेहतरीन
आपका हार्दिक धन्यवाद .......
Deleteबहुत खुबसूरत अभिव्यक्ति
ReplyDeleteरमाकांत सिंह जी आपका हार्दिक धन्यवाद
Deleteराजेश कुमारी जी आपका हार्दिक धन्यवाद
ReplyDeleteज़िंदगी के कई-कई रूप... कुछ मीठे कुछ खट्टे. पर जीना तो होता ही है भले ही डोर किसी और के हाथ... बहुत अच्छी रचना, शुभकामनाएँ.
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