क्या तुम जानते हो ,
लिखने में
जो स्याही
लगती है,
वह कहाँ से आती है !
तुम नहीं जानते,
शायद
या
जानते तो हो
लेकिन
जानना नहीं चाहते !
मैं क्यों
बताऊँ तुम्हें फिर !
लिखने में
जो स्याही
लगती है,
वह कहाँ से आती है !
तुम नहीं जानते,
शायद
या
जानते तो हो
लेकिन
जानना नहीं चाहते !
मैं क्यों
बताऊँ तुम्हें फिर !
शुभ प्रभात दी.....
ReplyDeleteदुविधा
एक प्यारी सी
...
तुम नहीं जानते,
शायद
या
जानते तो हो
लेकिन
जानना नहीं चाहते !
...
सादर
जानते सब हैं पर शायद समझना नहीं चाहते ...
ReplyDeleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 14-07-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2403 में दिया जाएगा
ReplyDeleteधन्यवाद
बहुत सुन्दर...
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