Thursday, 6 March 2025

सिर्फ तुम से

कुछ कहना था
कुछ सुनना भी था
बहार का इंतजार था।

न कुछ कहा 
न कुछ सुना 
बहार चली गई।

अब फिर से बहार का इंतजार है 
कुछ सुनने के लिए
कुछ कहने के लिए ...