जब -जब मन हारा है तो कोई है,
जो अपना स्नेहिल स्पर्श
सर पर सहला कर हौसला
बढ़ा देता है .......
और वह स्पर्श पाकर मेरा कुम्हलाया
हुआ मन फिर से लहलहा उठता है .....
और फिर से ये लहलहाता मन
कल्पना के सहारे शब्दों की उडान
भरने लगता है ....
इस मन की उड़ान के परों को सहारा
देने वाला और कौन है ,
एक वही है ,जो हमें प्राण-वायु
दे कर जीवन देता है ....
और हौसलों को उडान भी ......
यह उड़ान बनी रहे .... सकारात्मक सोच की रचना ...अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteदेने वाला और कौन है ,
ReplyDeleteएक वही है ,जो हमें प्राण-वायु
दे कर जीवन देता है ....
और हौसलों को उडान भी .....
.उपासना जी,,,,,बहुत खूब,, सुंदर अभिव्यक्ति,,,,
Bahut Sunder
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