नयी उड़ान +
Tuesday, 20 September 2022
सुना है तुम चाँद पर रहने लगे हो..
सुना है तुम
चाँद पर रहने लगे हो
तो क्या हुआ फिर
चाँद अगर दूर है
वह दूर तो है
दूसरों के लिए ही
मेरे लिए नहीं
छत पर
थाली में उतारूँगी चाँद को
पूनम की रात को
तुम भी मिलने चले आना..
Wednesday, 12 January 2022
अगर मान सको तो..
जब भी तुम
कुछ सोचते हुए गुम हुए हो,
उभरता है
ख्यालों के मध्य बिन्दु के पास
चमकता जो चंद्र बिन्दु
वह मैं नहीं हूँ..
चंद्र बिन्दु जहाँ है
वहीं अच्छा है
मैं माथे की बिंदिया सी
ख्यालों का चंद्रबिंदु क्यूँ बनूं..
तुम्हें
तुम्हारे आस- पास जो
महकी सी हवा महसूस होती है
वही हूँ मैं
अगर मान सको तो..
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