प्रेम में बिछुड़ जाने वाले
अक्सर कहा करते हैं
नहीं याद करते हैं अब
उस बेफवा को
भुला दिया है हमने
भुला दिया है हमने
गुजर जायेंगे अजनबियों की तरह ...
कितनी भी कसम क्यूँ न खाई जाये
तलाशे जाते हैं वे सूखे फूल
जो डायरी में रखे थे कभी
उसी बेवफा ने दिए थे ....
जो डायरी में रखे थे कभी
उसी बेवफा ने दिए थे ....
जिस प्यार के रंग से रंगे थे
वो रंग इद्रधनुष में भी ढूंढा
करते हैं ...
अक्सर सागर किनारे की
लहरों में सीप ढूंढते हुए
अपना नाम भी तलाशते हैं
जहां अपना नाम लिखा था
साथ-साथ ..........
वो रंग इद्रधनुष में भी ढूंढा
करते हैं ...
अक्सर सागर किनारे की
लहरों में सीप ढूंढते हुए
अपना नाम भी तलाशते हैं
जहां अपना नाम लिखा था
साथ-साथ ..........
और कहते हैं भुला दिया है हमने उसको ,
तो नयनो में जो चमकता है
उसका नाम लेने पर वह क्या है ,
यह शायद वो भी नहीं जानते ......
उसका नाम लेने पर वह क्या है ,
यह शायद वो भी नहीं जानते ......
पर वे एक दूसरे को भूल तो जाते
ही है ....
शायद .........
अक्सर सागर किनारे की लहरों में
ReplyDeleteसीप ढूंढते हुए अपना नाम भी
तलाशते हैं जहां उन्होंने अपना
नाम लिखा था साथ-साथ ..........
और वो कहते हैं भुला दिया है हमने
खुबशुरत सुंदर अहसासों की ,..अच्छी प्रस्तुति
MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: बेटी,,,,,
ekdma sahi kaha aur bahut khubsurti se...
ReplyDeleteSachmuch ekdum sahi hai Sunder shabdo me bhavo ka yatharth chitran
ReplyDeletesahi likha hai bilkul upasna sakhi.....
ReplyDeleteजिन्दगी में इश्क का इक सिलसिला चलता रहा
ReplyDeleteलोग कहते रोग है फिर दिल में क्यूँ पलता रहा
जिन्दगी तो बस मुहब्बत और मुहब्बत जिन्दगी
तब सुमन दहशत में जीकर हाथ क्यूँ मलता रहा
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
http://www.manoramsuman.blogspot.com
http://meraayeena.blogspot.com/
http://maithilbhooshan.blogspot.com/
ये भूलने-भुलाने का सिलसिला जब थमेगा तभी समाज में प्रेम सौहार्द्र का वातावरण बनेगा।
ReplyDeleteसटीक और यथार्थ को कहती प्रस्तुति ..... भूलने के बहाने से ही याद करते रहते हैं ॥
ReplyDeleteक्या बात कही है……सत्य
ReplyDeleteबहुत खूब! भूलना इतना आसान कहाँ होता है...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..
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