बस यूँ ही .......
गम का जहर बस
यूँ ही पिया हमने ..........
रहे साथ-साथ चलते
रेल की पटरी की तरह
ना तुमने पुकारा हमें ,
ना आवाज़ लगाई कभी हमने .....
ना तुमने हाथ बढाया कभी ,
ना हम ही करीब आये तुम्हारे .......,
ना तुम्हारी खता है,ना मेरी ही ,
बस यूँ ही बे -रंग सा जीवन
जिया हमने ........
ना तुम्हारी खता है,ना मेरी ही ,
ReplyDeleteबस यूँ ही बे -रंग सा जीवन
जिया हमने ........
वाह,,,, बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,बेहतरीन भाव ,,,,,
MY RECENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: विचार,,,,
bahut bahut shukriya dheerendra ji
Deleteउम्दा खुबसूरत
ReplyDelete(अरुन =arunsblog.in)
bahut bahut shukriya arun ji....
Deleteदर्द के अहसास से भरी
ReplyDeleteगहरे भाव लिए हुए रचना.......
dard bhara ...............ehsaas
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