हर सुबह एक फैसला ले कर उठती हूँ
एक अटल फैसला ले कर
बिलकुल "अटल जी" की तरह
आर या पार की लड़ाई का फैसला
आखिर मेरे भी तो हाथ-पैर है मैं भी चला सकती हूँ , फिर क्यूँ
रोज़ -रोज़ का ये सहन करना ..
बस आज बात कर ही लूंगी उससे
फिर जो भी होगा देखा जायेगा .......
पर मेरी सारी आर -पार की लड़ाई
कहीं गुम हो जाती है
दिल में ख़ुशी सी भर जाती और होठों
पर राहत भरी मुस्कान .....
जब भरी गर्मी में, बरसात की "बदली" सी ,
काले मेघों सी छवि में श्वेत- धवल दन्त
पंक्ति चमकती है ...
बीबी जी ,आज फिर देर हो गयी ...
और मैं उसकी राम कहानी से बचने के
लिए .बोल पड़ती हूँ
अरी , बहुत गर्मी है ,जरा ठंडा पानी पी ले ...
एक अटल फैसला ले कर
बिलकुल "अटल जी" की तरह
आर या पार की लड़ाई का फैसला
आखिर मेरे भी तो हाथ-पैर है मैं भी चला सकती हूँ , फिर क्यूँ
रोज़ -रोज़ का ये सहन करना ..
बस आज बात कर ही लूंगी उससे
फिर जो भी होगा देखा जायेगा .......
पर मेरी सारी आर -पार की लड़ाई
कहीं गुम हो जाती है
दिल में ख़ुशी सी भर जाती और होठों
पर राहत भरी मुस्कान .....
जब भरी गर्मी में, बरसात की "बदली" सी ,
काले मेघों सी छवि में श्वेत- धवल दन्त
पंक्ति चमकती है ...
बीबी जी ,आज फिर देर हो गयी ...
और मैं उसकी राम कहानी से बचने के
लिए .बोल पड़ती हूँ
अरी , बहुत गर्मी है ,जरा ठंडा पानी पी ले ...
अरे वाह ......बड़ा सकून देने वाला हैं ये अटल फैसला
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
ReplyDeleteसभी गृहिणिया ऐसे ही अटल फैसला करती है..
पर पती देव की मीठी आवाज से पिघल जाती है..
सुन्दर रचना....
:-)
आपका अटल फैसला बढ़िया रहा,,,,
ReplyDeleteमन के भावों की सुंदर प्रस्तुति
MY RECENT POST:...काव्यान्जलि ...: यह स्वर्ण पंछी था कभी...
हर घर की यही कहानी ..... जब तक कामवाली बाई नहीं आती तब तक बहुत से फैसले लेते हैं और दिखते ही मन शांत हो जाता है ... :):)
ReplyDeleteसंतुलन ज़रूरी भी है।
ReplyDeleteसुंदर
ReplyDeleteऐसा फैसला न कभी आपको टायर होने देगा,न उसे रिटायर !
ReplyDeleteatal jee ko hi bimb bana dala.:))
ReplyDeleteमन के भावों की सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteप्रशंसनीय रचना - बधाई
ReplyDeleteनई पोस्ट .....मैं लिखता हूँ पर आपका स्वगत है
:)))) उसके सामने कितने दीं -हीन हैं ना हम !!
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