Wednesday, 21 March 2018

जख्म तो दिलों पर हरे रहते ही हैं

एक पत्ता
जो गिरा  है
अभी शाख से

बेशक 
पीला और जर्जर था.
फिर भी 
उसका  निशान बाकी है
शाख पर
अभी भी।

निशान तो
नहीं मिटते न,
किसी के चले जाने पर। 

जख्म तो
दिलों पर
हरे रहते ही हैं
कभी-कभी 
या 
सदा के लिए। 

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