Monday, 13 August 2012

स्वतंत्रता दिवस..


मैं आज़ाद भारत की जनता
बेबस ,लाचार, लुटी -पिटी ,
जानवरों की तरह रहने
की आदी......
यह शब्द सुनने मुझे अच्छे
नहीं लगते ....
क्यूँ कि वे सारे ही गुण
मुझ में नहीं है ............
हाँ मैं सहनशील जरुर हूँ ,
पर कमजोर नहीं ...
मुझे मेरे वीरो पर गर्व है ,
मैं उन ज्ञात - अज्ञात
वीरो को भूली नहीं हूँ ,
जो शहादत की राह चले
गए ......
अब मैं सिर्फ भूत मैं ही नहीं
जीती ना इतराती ....
अब मैं वर्तमान में रह कर
भविष्य पर नज़र रखती हूँ ......
गलत के विरूद्ध आवाज़ 
भी उठाती हूँ ..
हाँ , मैं  कुछ समय के लिए
भ्रमित जरुर हुई  थी,
पर भटकी नहीं......
मुझे गर्व होता है कि मैं
भारत देश का हिस्सा
हूँ ..........
स्वतंत्रता दिवस पर मैं
धरती माँ के उन सपूतों
को नमन करती हूँ जिनके
कारण आज हम आज़ाद
है........

5 comments:

  1. अब मैं सिर्फ भूत मैं ही नहीं
    जीती ना इतराती ....
    अब मैं वर्तमान में रह कर
    भविष्य पर नज़र रखती हूँ .....

    ....बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम शुभकामनायें !

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  2. वीर अमर शहीदों को स्वतंत्रता दिलाने में उनके योगदान को नमन,,,
    ,
    स्वतंत्रता दिवस बहुत२ बधाई,एवं शुभकामनाए,,,,,
    RECENT POST ...: पांच सौ के नोट में.....

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  3. वाह बहुत खूबसूरत अहसास हर लफ्ज़ में आपने भावों की बहुत गहरी अभिव्यक्ति देने का प्रयास किया है... बधाई आपको... सादर वन्दे...

    दो चार बर्ष की बात नहीं अब अर्ध सदी गुज़री यारों
    हे भारत बासी मनन करो क्या खोया है क्या पाया है

    गाँधी सुभाष टैगोर तिलक ने जैसा भारत सोचा था
    भूख गरीबी न हो जिसमें , क्या ऐसा भारत पाया है


    क्यों घोटाले ही घोटाले हैं और जाँच चलती रहती
    पब्लिक भूखी प्यासी रहती सब घोटालों की माया है

    अनाज भरा गोदामों में और सड़ने को मजबूर हुआ
    लानत है ऐसी नीती पर जो भूख मिटा न पाया है

    अब भारत माता लज्जित है अपनों की इन करतूतों पर
    राजा ,कलमाड़ी ,अशोक को क्यों जनता ने अपनाया है।

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  4. अब मैं सिर्फ भूत मैं ही नहीं
    जीती ना इतराती ....
    अब मैं वर्तमान में रह कर
    भविष्य पर नज़र रखती हूँ ......
    गलत के विरूद्ध आवाज़
    भी उठाती हूँ ..
    लाजवाब पंक्तियाँ... बहुत सुन्दर रचना... स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम शुभकामनायें....

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  5. हाँ , मैं कुछ समय के लिए
    भ्रमित जरुर हुई थी,
    पर भटकी नहीं......
    मुझे गर्व होता है कि मैं
    भारत देश का हिस्सा
    हूँ .

    बहुत सुन्दर रचना स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम शुभकामनायें

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