उड़ने की ठानी ही है तो
उड़ जाओ
पर फैलाओ
टिका दो
आँखे आसमान पर
मत देखो
नीचे
धरा को
मत सोचो
धरा के
गुरुत्वाकर्षण को
टिकेंगे जितने
तुम्हारे पैर
उतनी ही मिलेगी
तुम्हें यह धरा
नहीं है ये धरा
तुम्हारे रहने के लिए
तुम हो सिर्फ
आसमान की ऊंचाइयों लिए
तलाश करो
अपने लिए
अपना एक नया आसमान
जहाँ हो,
तुम्हारे अपने ही
ग्रह -नक्षत्र
अपना ही एक सूरज
और और चाँद भी !
वहाँ
न चाँद को लगे ग्रहण
न ही सूरज को !
एक अपना
अलग ही ब्रह्माण्ड बना लो
जो हो तुम्हारा अपना ,
सिर्फ तुम्हारा !
उड़ जाओ
पर फैलाओ
टिका दो
आँखे आसमान पर
मत देखो
नीचे
धरा को
मत सोचो
धरा के
गुरुत्वाकर्षण को
टिकेंगे जितने
तुम्हारे पैर
उतनी ही मिलेगी
तुम्हें यह धरा
नहीं है ये धरा
तुम्हारे रहने के लिए
तुम हो सिर्फ
आसमान की ऊंचाइयों लिए
तलाश करो
अपने लिए
अपना एक नया आसमान
जहाँ हो,
तुम्हारे अपने ही
ग्रह -नक्षत्र
अपना ही एक सूरज
और और चाँद भी !
वहाँ
न चाँद को लगे ग्रहण
न ही सूरज को !
एक अपना
अलग ही ब्रह्माण्ड बना लो
जो हो तुम्हारा अपना ,
सिर्फ तुम्हारा !
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ReplyDeleteMunger News
जहाँ हो,
ReplyDeleteतुम्हारे अपने ही
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अपना ही एक सूरज
और और चाँद भी !
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न ही सूरज को !
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अलग ही ब्रह्माण्ड बना लो
जो हो तुम्हारा अपना ,
सिर्फ तुम्हारा !
Badi hi Sunder line hai, Thanks for sharing
Mahadev Photo
अच्छी जानकारी !! आपकी अगली पोस्ट का इंतजार नहीं कर सकता!
ReplyDeleteक्षमा करें अगर मेरी भारतीय भाषा को समझना मुश्किल है
greetings from malaysia
द्वारा टिप्पणी: muhammad solehuddin
शुक्रिया