Monday, 24 August 2015

तुम मुस्कुराओगे नहीं तो...

तुम चुप रहोगे
 तो क्या
बादल बारिश नहीं लाएगा
फिर तो
आसमान सूना ही
रहेगा शायद।

तुम बोलोगे नहीं
तो क्या
चिड़ियाँ सुर भूल जाएगी
फिर तो
बगिया सूनी ही रहेगी शायद।

तुम मुस्कुराओगे नहीं
तो क्या
सूरज दिन नहीं लाएगा
फिर तो
मेरे मन में अँधियारा ही रहेगा
यकीनन !

6 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (26-08-2015) को "कहीं गुम है कोहिनूर जैसा प्याज" (चर्चा अंक-2079) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. किसी के होने न होने से कुछ नहीं होता .. ये अवस्था है मन की खुद ही बदलनी होती ही ...

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  3. बहुत सुंदर

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