Wednesday, 26 September 2012

जन्म दिन

जन्म दिन आया तो 
बहुत कुछ याद आया 
बिन भूला बचपन भी 
याद आया ...........
आईने मैं देखा तो एक 
बार फिर छोटी सी
उपासना दिखाई दी .........
और मैं फिर से खो गयी
बिन भूले बचपन में जहाँ
सबसे शरारती ,नटखट
अपनी आँखों में सिर्फ ,
शरारत और शरारत
के सिवा कुछ भी नहीं ,
लिए बहनों के पीछे
भागती कभी रुलाती ,
सताती नज़र आ रही थी ......
फिर माँ का सबक सिखाने तो
कभी खैर -खबर लेने ,डंडा
लिए हाथ में मेरे पीछे
आती नज़र आयी तो 


अचानक सारी बहने
हंसती हुयी मेरे बचाव
को आगे खड़ी भी नज़र
आयी ,


अरे माँ हम तो खेल रहे थे ,


पापा भी
ढाल बन कर खड़े नज़र
आये ........
और माँ भरे गले से बोली
मैं क्यूँ मारूंगी अपनी
छोटी सी चिड़िया को ,


पर
यह प्यार भी ऐसा ही बनाये
रखना ,


अब जो पल है फिर
क्या मिल पाएंगे ........
आज साथ हो ,


फिर मिलने को भी तरसोगी ,......
हमारे बाद तुम ही मायका
हो एक दूसरे का ...........
माँ कई देर तक हमे गले
लगा कर रोती रही थी ,
वो मैं तब नहीं अब
समझती हूँ ,याद कर के 


सब से छुपा कर आंसू भी
पोंछ लेती हूँ ............
इतना प्यार और प्यारा
बचपन कौन भूलता है ......

9 comments:

  1. जन्मदिन की शुभकामनायें ... बचपन की बातें कहाँ भूली जाती हैं ... सुंदर प्रस्तुति

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  2. सब से छुपा कर आंसू भी
    पोंछ लेती हूँ ............
    इतना प्यार और प्यारा
    बचपन कौन भूलता है ......

    जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं . समय बीत जाने पर ही हमें उसका महत्व जान पड़ता है

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  3. जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं

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  4. बेहद सुन्दर रचना जन्मदिन की बहुत-२ बधाई एवं शुभकामनाएं

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  5. RECENT POST : गीत,


    जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं

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  6. सही लिखा उपासना सखी ...दिल को छू गयी रचना ....

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  7. जन्म दिन की बहुत बहुत शुभकामनाएँ ..........


    बचपन की यादे ताज़ा हो गई

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  8. बहुत ही सुंदर रचना दिल को छु गई,
    जैसे जैसे पढ़ती गयी आखे नम हो गई...!!!

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  9. सुन्दर तस्वीर.....सुन्दर शब्दों के साथ.....जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें।

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