Monday 27 February 2012

पता नहीं

सर पे पानी  का मटका उठा कर 

 लिए जाती हुई को पुकारा मैंने तुम कौन हो .........!

वो मुस्कुराई मैं एक बेटी थी और बहन भी ............

अब एक पत्नी हूँ और एक माँ भी
 ,
और भी कई नाम है अलग -अलग रिश्ते है ...........!

अच्छा नाम भी कई ,रिश्ते भी कई ,

पर क्या तुम इंसान भी हो ,

अब मेरे सवाल पर थोडा सा गड़बड़ाई 

पहले अपने को फिर मुझे ऊपर से नीचे देखते

हुए धीरे से बोली "पता नहीं ".......!


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