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Wednesday, 17 January 2024

मेरे जाने के बाद

मेरे जाने के बाद
चर्चा होगी
मेरे बारे में

कैसी थी मैं
क्या बोलती थी

सोचा क्या करती थी
ये तो पता नहीं भई

 सर पर लट्टू नहीं लगे थे न
रोशनी वाले 
जो मन का मीटर समझते
और जल जाते

मेरे जाने के बाद
ये भी चर्चा होगी
मैंने कैसे अंतिम सांस लिया
कितनी बार सांस अटका
कितनी बार  सांस खींचा.. 

काश कि 
मेरे जीते जी ही कोई
मेरी आँखो में झाँक कर
हाथों को थाम कर
पूछ लेता
कैसी हूँ मैं... 






9 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" गुरुवार 18 जनवरी 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  2. यथार्थ को अभिव्यक्त करती सुन्दर सार्थक रचना

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  3. वाह! बेहतरीन!

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  4. सही कहा...समाप्ति के बाद यहाँ चर्चे बहुत होते हैं ..जीते जी कोई सुध नहीं..

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  5. क्या बात है ..बहुत सही

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  6. पते की बात है महोदया! सुन्दर अभिव्यक्ति!

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  7. बेहतरीन अभिव्यक्ति

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  8. सब जीते जी के मेले हैं और भीड़ में सभी अकेले हैं! खुद के संग जो रहे वही विजेता है!

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