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Wednesday, 13 March 2013

तुम्हारा नाम सागर किनारे लिखा था मैंने ....



तुम्हारा नाम 
 पत्थर पर नही लिखा था मैंने 
पत्थरों पर लिखे नाम
वक्त के साथ धुंधला जाते है .........

तुम्हारा नाम ,
सागर किनारे लिखा था मैंने 
सागर के किनारे 
की रेत पर लिखे नाम 
कभी नहीं मिटते .......

 लहरों के साथ सागर 
में ही  मिल जाते है 
सागर किनारे लिखे नाम ,
बहते रहते है
 हर लहर के साथ 
न घुलते है न  गलते है ..

शायद इसी लिए ,
सागर का पानी खारा होता है ..

आंसुओं से 
जो लिखे होते है
सागर किनारे लिखे नाम ...

कभी अंजुरी भर कर देखोगे ,
किसी लहर पर किसी 
किरण को 
झिलमिलाती देखोगे
 तुम्हे 
लिखा नज़र आएगा 
तुम्हारा नाम .........

51 comments:

  1. आभार सुमित प्रताप जी ....नाम हिंदी में कर दिया

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  2. बहुत ही भावपूर्ण उत्कृष्ट रचना.

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    1. हार्दिक आभार राजेन्द्र जी .....

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  3. सुन्दर भावाभिव्यक्ति !
    latest postउड़ान
    teeno kist eksath"अहम् का गुलाम "

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    1. हार्दिक आभार कालिपद जी .....

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  4. कुछ कुछ सागर से गहरे अहसास

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    1. हार्दिक आभार अंजू जी

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  5. बहुत ही सुन्दर. आभार

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    1. हार्दिक आभार मदन मोहन जी ..

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  6. सुन्दर भाव..सागर से गहरे..

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    1. हार्दिक आभार महेश्वरी कनेरी जी

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  7. बहुत सुन्दर और सार्थक पोस्ट!
    साझा करने के लिए आभार!

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    1. हार्दिक आभार रूपचन्द्र शास्त्री जी

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  8. वाह, क्या सुन्दर भाव ,,,,
    साभार!

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    1. हार्दिक आभार शिवनाथ कुमार जी

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  9. हार्दिक आभार , रविकर जी

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  10. bahut hi badhiya bahin ji umdaa

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    1. हार्दिक आभार मुकेश

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  11. उपासना जी बहुत ही अच्छी रचना .........सुन्दर भाव ........:)

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    1. हार्दिक आभार अरुणा जी

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    1. हार्दिक आभार नीता जी

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  13. संमदर के किनारे मै आज जब बैठती हु..
    लहेरो की आवाज में तेरा नाम सुनाई देता है..

    जो लहेरो में साथ में मिल कर भीगते थे हम,
    आज वो लहेरे हमें अकेले देख कर उदास हों जाती है...

    जब साथ में अपना नाम हम लिखते थे रेत में...
    और लहेरे आके वो दोनों नाम खुद में समां लेती थी..

    आज वो ही लहेरे हमें अकेला देख कर..
    तेरा नाम मुजे वापस दे जाती है...

    नीता कोटेचा.

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    1. बहुत खूब नीता जी ......बहुत सुंदर लिखा है

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  14. प्रेम की गहन अनुभूति
    सुंदर रचना

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    1. हार्दिक आभार ज्योति खरे जी

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  15. आपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 16/03/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!

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    1. हार्दिक आभार यशोदा जी

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  16. आंसुओं से लिखा सागर किनारे नाम मिटता कैसे !
    भावपूर्ण अभिय्वाक्ति!

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    1. हार्दिक आभार वाणी जी

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  17. सागर किनारे लिखे नाम मिटते नहीं....वाह! एक नई सोच देती बढ़िया कविता! बधाई और शुभकामनाएँ!

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    1. हार्दिक आभार सारिका जी

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  18. वाह! एक नयी सोच और उसकी प्रभावी अभिव्यक्ति...

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    1. हार्दिक आभार कैलाश शर्मा जी

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  19. nayee soch ki sundar abhivyakti..

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    1. हार्दिक आभार कविता जी

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  20. उत्कृष्ट भाव, सुंदर रचना.

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    1. हार्दिक आभार रचना जी

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  21. सुंदर भावना प्रधान रचना.....

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    1. हार्दिक आभार अरुण कुमार जी

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  22. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.

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    1. हार्दिक आभार निहार रंजन जी

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  23. हार्दिक आभार नीलिमा जी

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  24. सुन्दर भावों के साथ .. बढ़िया अभिव्यक्ति

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    1. हार्दिक आभार महेन्द्र जी

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  25. सुकुमार और स्नेहिल भावों से भरी सुन्दर रचना !

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    1. हार्दिक आभार प्रतिभा जी

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  26. Replies
    1. हार्दिक आभार प्रीटी जी

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  27. सागर के पानी के खारा होने का कारण आसुओं से लिखे नाम कहना अद्भुत कल्पना है। आंखों से पानी तब आता है जब ज्यादा दुःख हो और तब भी जब ज्यादा खुशी हो। मैं चाहूं कि आपके आंखों में हमेशा पानी रहे... ज्यादा खुशी के और आप इस तरह की कविता लिखे ताकि हम और हमारे साथ दुनिया भी खुश रहे।

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    1. हार्दिक आभार विजय जी

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