कई साल
न जाने कितने साल ,
ना कोई ख़त आया तुम्हारा
ना उम्मीद ही टूटी मेरी ...
हवा सी एक लहराई
पुर्जा उड़ मेरे हाथ आया
तुम्हारा लिखा ख़त
यह तुम्हारा ही ख़त है जो
मेरे हाथ आया ......
एक आस , एक उम्मीद
मुझसे मिलने की
लिख डाली तुमने
नए साल में शायद एक बार
तो मिल जाओगी
जान कर ना सही
अचानक ही ...
तुम्हारी लेखनी क्या है
जैसे सामने ही बैठे बतिया रहे हो
कह रहे हो
जब सामने आऊँ तो नजर न
चुराना
नज़रों से नज़रे मिला कर
मुस्कुरा देना .....
मैं सोचती
पुर्जे को लबों से छुआ कर
नज़रों के सामने तुम होंगे तो
मुस्कुरा कहाँ पाऊँगी
ये नयन तो भर ही जायेंगे
तुम्हे सामने पा कर ....
हवा फिर लहराई
पुर्जा भी थोडा लहराया
देख ,नयन फिर भर आये
उस पर कुछ भी ना था
कोरा था मेरी आस
मेरी उम्मीद की तरह .........
न जाने कितने साल ,
ना कोई ख़त आया तुम्हारा
ना उम्मीद ही टूटी मेरी ...
हवा सी एक लहराई
पुर्जा उड़ मेरे हाथ आया
तुम्हारा लिखा ख़त
यह तुम्हारा ही ख़त है जो
मेरे हाथ आया ......
एक आस , एक उम्मीद
मुझसे मिलने की
लिख डाली तुमने
नए साल में शायद एक बार
तो मिल जाओगी
जान कर ना सही
अचानक ही ...
तुम्हारी लेखनी क्या है
जैसे सामने ही बैठे बतिया रहे हो
कह रहे हो
जब सामने आऊँ तो नजर न
चुराना
नज़रों से नज़रे मिला कर
मुस्कुरा देना .....
मैं सोचती
पुर्जे को लबों से छुआ कर
नज़रों के सामने तुम होंगे तो
मुस्कुरा कहाँ पाऊँगी
ये नयन तो भर ही जायेंगे
तुम्हे सामने पा कर ....
हवा फिर लहराई
पुर्जा भी थोडा लहराया
देख ,नयन फिर भर आये
उस पर कुछ भी ना था
कोरा था मेरी आस
मेरी उम्मीद की तरह .........
आपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 05/01/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत -बहुत आभार यशोदा जी ......
Deleteनव वर्ष की शुभ कामनाओ के साथ कहना चाहूँगा की आपकी लेखनी गज़ब है..... क्या खूब बयां किए हैं 'उसको याद दिलाते ... उसके ही....' ये भाव इन शब्दों मे .....
ReplyDelete"नए साल मे एक बार तो शायद मिल ही जाओगी
जान कर न सही अचानक ही....... "
बहुत खूब .....
नव वर्ष की ढेरों शुभ कामनाओ और हमेशा आपके सुख व सफलता कि कामना के साथ ....
बहुत -बहुत आभार आपका तारीफ के लिए .....एक बार फिर से नव -वर्ष की हार्दिक शुभकानाए
Deleteबेहतरीन भावों से सजी पोस्ट।
ReplyDeleteबहुत -बहुत शुक्रिया इमरान अंसारी जी ....आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये
Deleteबहुत ही भावुक रचना उपासना सखी
ReplyDeleteबहुत -बहुत शुक्रिया सखी रमा ....आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये
Deleteबहुत सुन्दर.. भावुक करती सुन्दर रचना..नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteबहुत -बहुत शुक्रिया महेश्वरी जी ....आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये
Deleteबहुत सुन्दर रचना ... नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ उपासना जी !!
ReplyDeleteबहुत -बहुत शुक्रिया शोभा जी ....आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये
Deletebahut hi sundar likha aapne
ReplyDeleteबहुत -बहुत शुक्रिया नीलिमा जी
Deleteबहुत खूब सुन्दर रचना ... नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ उपासना जी !!
ReplyDeleterecent post: किस्मत हिन्दुस्तान की,
बहुत -बहुत शुक्रिया धीरेन्द्र जी , आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाए ...
Deletebahut sundar rachna hai
ReplyDeleteबहुत -बहुत शुक्रिया शांति जी
Deleteभावुक रचना बेहतरीन भाव
ReplyDeleteबहुत -बहुत शुक्रिया मधु जी
Deleteकाश मन जो चाहता हो पाता ....मर्मस्पर्शी !
ReplyDeleteसच कहा आपने ........आभार
Deleteबेहतरीन रचना।
ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
सादर
बहुत - बहुत शुक्रिया आपका ........आपको भी नव वर्ष की मंगलकामनाये
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