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Sunday, 9 August 2015

इश्क में तेरे....

इश्क में तेरे
बदल लिया है वेश
फिरते हैं दर दर
तलाश में तेरी

दरस को तेरे
तरसे मेरे नैन
बस इक झलक
पा जाए
तर जाऊँ
भवसागर से

वेद पुराण
सब पीछे छोड़े
लिया है बस इक
तेरा नाम....

5 comments:

  1. वाह.. बहुत खूब

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  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 11 अगस्त 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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  3. बदल दिया है भेष !!
    सुन्दर कविता

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  4. वाह.. बहुत खूब

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