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Saturday, 6 April 2013

बस प्रभु मेरा यही सन्देश तेरे नाम .......

ईश्वर के नाम 
सन्देश एक किसान का ....

बोता हूँ बीज जब भी 
ना केवल बीज ही 
हर बीज के साथ कितनी 
ही आशाओं को भी बो देता हूँ ...

धरती से निकलता
एक -एक अंकुर
है एक विश्वास -भरोसा
मेरी उम्मीदों का......

मेरा यही सन्देश है प्रभु
रखना जरा ध्यान ,
आलसी मेघों को भेज
देना जरा समय से ......


जरुरत होती है उनकी
सोये रहते है कुम्भकर्णी
निद्रा में मग्न ..

कभी कर देते हैं
फलती - फूलती, लहलहाती
मेरी आशाओं
को जलमग्न 

बेरुत जाग कर  ...

थोडा रखना उनकी थाम कर लगाम 
बस प्रभु मेरा यही सन्देश 
तेरे नाम .......

30 comments:

  1. सुन्दर संदेश है..

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    1. हार्दिक आभार महेश्वरी कनेरी जी

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  2. सुन्दर भाव पूर्ण सन्देश

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    1. हार्दिक आभार अज़ीज़ जौनपुरी जी

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  3. किसान की ख़्वाहिश को बखूबी लिखा है ।

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    1. हार्दिक आभार संगीता जी , किसान की पत्नी हूँ तो किसान का दर्द बखूबी जान सकती हूँ

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    1. हार्दिक आभार कविता जी

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  5. bahut sundar sandesh ........dharti ki hariyali ke liye meghon ko aana hi hoga

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    1. हार्दिक आभार संध्या जी

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  6. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,इश्वर सबका कल्याण करें.

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    1. हार्दिक आभार राजेन्द्र कुमार जी

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  7. सुंदर भाव.... बढ़िया बिम्ब लिए रचना

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    1. हार्दिक आभार मोनिका जी

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  8. मेघों को आलसी और कुंभकर्ण कहाना आपके कल्पना की नई उडान है उपासना जी। हमारे देश और संसार का किसानों के फूलने-फलने पर ही निर्भर है। आपके प्रार्थना गीत की मांग ईश्वर पूरी करें।
    drvtshinde.blogspot.com

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    1. हार्दिक आभार विजय जी

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  9. प्रभु के नाम बहुत सुन्दर सन्देश भेजा है..
    सुन्दर रचना...
    :-)

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    1. हार्दिक आभार रीना जी

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  10. हर किसान के दिलसे बस यही आवाज़ निकलती है ...प्रभु तक यह आवाज़ सदैव पहुंचे

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    1. हार्दिक आभार सरस जी

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  11. सुंदर सन्देश के सुंदर भाव
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (08 -04-2013) के चर्चा मंच 1208 पर लिंक की गई है कृपया पधारें.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है | सूचनार्थ

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    1. हार्दिक आभार सरिता जी

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  12. बहुत ही सुंदर !
    ऊपर विजय शिंदे जी ने आपके लिए सही कहा है ।
    आपकी कल्पना की नई उड़ान ..... वाकई कबीले तारीफ है !

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    1. हार्दिक आभार जी ...आपकी अमुल्य टिप्पणी मेरे लिए बहुत मायने रखती है ,अगर आप नाम भी बताएं तो बहुत मेहरबानी होगी

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    2. वैसे नाम मे रखा क्या है, मैं तो आपकी कविताओं का एक प्रशंसक मात्र हूँ फिर भी नाम तो आपने रख ही दिया है - "जी"
      और शेष जैसा आप सोच लें, मान लें मैं तो बस वही हूँ .....

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  13. प्रभु सबकी सुनता है ...
    बहुत बढ़िया विनती ...

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  14. किशान के माध्यम से यह सभी की प्रार्थना है
    LATEST POSTसपना और तुम

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  15. बहुत सार्थक‍ अभिव्यक्ति.

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  16. बहुत सुन्दर!!!
    पधारें "आँसुओं के मोती"

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