Pages

Sunday, 3 February 2013

वह तुम हो ...!


हर जगह ,हर तरफ 
बहुत लोग है ,
गहमागहमी है लोगों 
की हर तरफ
हर जगह ....
फिर भी मुझे ऐसा 
क्यूँ लगता है 
हर तरफ , हर जगह 
एक जगह तो 
रिक्त है ...
वह  तुम हो ...!
शायद तुम  ही हो ,
नहीं 'शायद' नहीं , 
सच में ही तुम 
ही हो ....
जिसकी कमी मुझे 
खलती रही है 
हर तरफ, हर जगह ....


21 comments:

  1. Replies
    1. संगीता जी आपका हार्दिक धन्यवाद

      Delete
  2. Replies
    1. संध्या जी आपका हार्दिक धन्यवाद

      Delete
  3. मन की उहापोह का सुंदर चित्रण .....

    ReplyDelete
    Replies
    1. मोनिका जी आपका हार्दिक धन्यवाद

      Delete
  4. यही कमी एक दिन उसकी तरफ ले जाती है ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. इमरान अंसारी जी आपका हार्दिक धन्यवाद

      Delete
  5. सुंदर चित्रण .

    ReplyDelete
    Replies
    1. मदन मोहन जी आपका हार्दिक धन्यवाद

      Delete
  6. मन के अहसासों का सुंदर चित्रण,,,,

    RECENT POST बदनसीबी,

    ReplyDelete
    Replies
    1. धीरेन्द्र जी आपका हार्दिक धन्यवाद

      Delete
  7. Replies
    1. tbsingh जी आपका हार्दिक धन्यवाद

      Delete
  8. होता है ऐसा....कि‍सी एक की कमी जिंदगी वीरान कर देती है

    ReplyDelete
    Replies
    1. रश्मि जी आपका हार्दिक धन्यवाद

      Delete
  9. किसी खास के लिए हमेशा दिल के कोने में जगह रहती है...
    भावपूर्ण अभिव्यक्ति .....

    ReplyDelete
    Replies
    1. रीना जी आपका हार्दिक धन्यवाद

      Delete
  10. तुम हरेक शै में किसी शै की कमी पाओगी

    ReplyDelete
    Replies
    1. रमाकांत सिंह जी आपका हार्दिक धन्यवाद

      Delete
  11. यशोदा जी आपका हार्दिक धन्यवाद

    ReplyDelete