Pages

Friday, 9 November 2012

मैं एक बार फिर से हरी हो जाती हूँ .....


तेरे  ख्याल
तेरा जिक्र
तेरे ख्वाब
तेरी छुअन,
 अपने भीतर
कहीं न कहीं
महसूस करती हूँ
मैं अब भी ........
यह छुअन ,
यह अहसास
मुझे बता जाता है
के तुम
अब भी मेरे अंतर्मन में
बसते हो
 कहीं न कहीं ........
और मैं ,
एक बार फिर से
हरी
 हो जाती हूँ .....


19 comments:

  1. आशा और विश्वास से लबरेज रचना बहुत उत्तम है!

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत -बहुत शुक्रिया जी

      Delete
  2. वाह क्या बात है आपको दीपावली की शुभकामना

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत शुक्रिया मनु जी .....आपको भी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाये

      Delete
  3. बेहतरीन प्रस्तुति खूबसूरत अंदाज

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत -बहुत शुक्रिया जी

      Delete
  4. BEAUTIFUL STYLE OF EXPRESSION
    SHUBH DIPAWALI.

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत शुक्रिया रमाकांत जी .....आपको भी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाये

      Delete
  5. खूबसूरत नये अंदाज में प्रस्तुति,,,

    दीपावली की हार्दिक बहुत२ शुभकामनाए,,,,
    RECENT POST:....आई दिवाली,,,100 वीं पोस्ट,

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत शुक्रिया धीरेन्द्र जी .....आपको भी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाये

      Delete
  6. वाह उपासना जी..
    बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने...
    मनभावन प्यारी रचना...
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ ....
    :-)

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत शुक्रिया रीना जी .....आपको भी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाये

      Delete
  7. Replies
    1. thank u so much neeta ji ....happy dipawali

      Delete
  8. बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने...


    ho sake to meri post padiyega

    maa nahin hai vo meri, par maa se kam nahin hai.

    once again haapy diwali.

    ReplyDelete
  9. प्रशंसनीय प्रस्तुति - दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

    ReplyDelete