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Tuesday, 10 April 2012

अब हमें ना पाओगे

देखो अब जो रुठोगे 
तो हम न मनायेगें 
जहाँ जाना है जाओ 
हम न पुकारेंगे तुम्हें .........
थक गए हम भी 
पीछे -पीछे चलते ,
अब साथ चलना
है तुम्हारे .........
अब हमें इतना भी ना
आजमाओ ........
कभी मुड कर देखोगे
तो हमें ना पाओगे .......

5 comments:

  1. अब हमें इतना भी ना
    आजमाओ ........
    कभी मुड कर देखोगे
    तो हमें ना पाओगे .......

    बहुत सुन्दर रचना,बेहतरीन भाव पुर्ण प्रस्तुति,.....

    उपासना जी,..आपका फालोवर बन गया हूँ आपभी बने मुझे खुशी होगी,....


    RECENT POST...काव्यान्जलि ...: यदि मै तुमसे कहूँ.....

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  2. बहुत खूब! बहुत सुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति...

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  3. ताली तो दोनों हाथों से बजती है ... सुन्दर पोस्ट

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  4. सुन्दर ,अति सुन्दर.

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