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Monday, 15 July 2024
इंतज़ार के पौरवे
आठ प्रहर सी
आठ उंगलियाँ
उंगलियों पर
चौबीस घण्टे से पौरवें
कुछ- कुछ उंगलियाँ
रखती हैं
छब्बीस- सताईस पौरवे
सोचती हूँ कभी- कभी मैं
इंतज़ार वाली तकदीर लिए
रखती होगी
ये छब्बीस- सताईस पौरवे वाली
उंगलियाँ।
Wednesday, 17 January 2024
मेरे जाने के बाद
मेरे जाने के बाद
चर्चा होगी
मेरे बारे में
कैसी थी मैं
क्या बोलती थी
सोचा क्या करती थी
ये तो पता नहीं भई
सर पर लट्टू नहीं लगे थे न
रोशनी वाले
जो मन का मीटर समझते
और जल जाते
मेरे जाने के बाद
ये भी चर्चा होगी
मैंने कैसे अंतिम सांस लिया
कितनी बार सांस अटका
कितनी बार सांस खींचा..
काश कि
मेरे जीते जी ही कोई
मेरी आँखो में झाँक कर
हाथों को थाम कर
पूछ लेता
कैसी हूँ मैं...
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