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Wednesday, 12 January 2022

अगर मान सको तो..

जब भी तुम
कुछ सोचते हुए गुम हुए हो, 
उभरता है
ख्यालों के मध्य बिन्दु के पास
चमकता जो चंद्र बिन्दु 
वह मैं नहीं हूँ.. 
 
चंद्र बिन्दु जहाँ है
वहीं अच्छा है
मैं माथे की बिंदिया सी
ख्यालों का चंद्रबिंदु क्यूँ बनूं.. 

तुम्हें
तुम्हारे आस- पास जो
महकी सी हवा महसूस होती है
वही  हूँ मैं
अगर मान सको तो..

 


6 comments:

  1. खूबसूरत अभिव्यक्ति

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  2. चंद्र बिन्दु जहाँ है
    वहीं अच्छा है
    मैं माथे की बिंदिया सी
    ख्यालों का चंद्रबिंदु क्यूँ बनूं..

    अत्यंत सुंदर 🙏

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  3. बहुत सुन्दर कृति ।

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  4. बहुत सुंदर

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